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ये रिपोर्ट बताती है आसमान में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है

समस्या ये है कि देश में फ्लाइट की संख्या बढ़ गई है। हवाई सफर करने वाले मुसाफिरों की तादाद बढ़ी है। लेकिन एटीसी अब भी पुराने तौर तरीके से चल रही है।

एक्सक्लुसिव ख़बर 

समस्या ये है कि देश में फ्लाइट की संख्या बढ़ गई है। हवाई सफर करने वाले मुसाफिरों की तादाद बढ़ी है। लेकिन एटीसी अब भी पुराने तौर तरीके से चल रही है।

इंडिगो और केएलएम के एयरक्राफ्ट टकराते टकराते बचे थे। 2 नवंबर 2016 को आसमान में बड़ा हादसा हो सकता था, अगर पायलट ने सूझ बूझ नहीं दिखाई होती। इस मामले की पूरी जांच रिपोर्ट एयर ट्रैफिक कंट्रोल यानी एटीसी के बारे बड़ा खुलासा करती है। एटीसी की पांच गलतियां पकड़ी गई है । इंडिगो की फ्लाइट करीब आ रहे थे, ऑटोमेटिक चेतावनी एटीसी के पास पहुंच गई थी। लेकिन एटीसी ने 82 सेकंड तक इसे नज़र अंदाज़ किया। जब एटीसी को पता चला उसके बाद भी गलत सिग्नल से बात की गई। इंडिगो की फ्लाइट का कोडनेम आईजीओ 977 था, लेकिन एटीसी की तरफ से इसे पांच बार विस्तारा 977 कहकर बुलाया गया। इस दौरान वक्त बीतता जा रहा था और इंडिगो और केएलएम की फ्लाइट एक दूसरे के एकदम करीब आ चुके थे। दोनों एक ही उंचाई पर आ चुके थे और आमने -सामने थे। वो तो इंडिगो की पायलट को खुद लगा कि एटीसी गलत कोडवर्ड का इस्तेमाल कर रही है, इंडिगो की जगह विस्तारा का नाम ले रही है। इसके बाद पायलट ने रास्ता बदला और हादसा टला। ये वाक्या ये भी बताता है की देश में एटीसी के अंदर क्या हालत है। रिपोर्ट में ये भी लिखा है कि जिस कर्मचारी से ये गलती हुई उसे जितने दिन काम करना चाहिए था, उससे चार गुना ज्यादा काम करना पड़ रहा था। साथ ही वो हर दिन दो गुना ज्यादा वक्त अपनी ड्यूटी को दे रहा था। समस्या ये है कि देश में फ्लाइट की संख्या बढ़ गई है। हवाई सफर करने वाले मुसाफिरों की तादाद बढ़ी है। लेकिन एटीसी अब भी पुराने तौर तरीके से चल रही है। इसे बदलने की जरूरत है, मुसाफिरों की जान से इस तरह खिलवाड़ नहीं हो सकता।
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